वो सूक्ष्म नजरें जो बेधती मामूली चेहरे को,
तो चमड़े के भीतर की कोमल आत्मा को जानतीं,
फिर घिसी पिटी कहानियों की बेड़ियाँ तोड़ प्रेम,
प्रवेश कर जाता गहरे अनजान दुनिया में,
सुंदरता की नयी परिभाषा ढूँढने।
तो चमड़े के भीतर की कोमल आत्मा को जानतीं,
फिर घिसी पिटी कहानियों की बेड़ियाँ तोड़ प्रेम,
प्रवेश कर जाता गहरे अनजान दुनिया में,
सुंदरता की नयी परिभाषा ढूँढने।
वो संवेदनशील कान जो सुनते धीमी धड़कन को,
तो खिलखिलाहट की चादर में लिपटे खामोशी को सहेजते,
फिर हज़ारों झूठे ठहाकों के बीच से बीन लेते,
असली मुस्कुराहटों के दो पल,
और व्यस्त हो नई भाषा खोजते।
तो खिलखिलाहट की चादर में लिपटे खामोशी को सहेजते,
फिर हज़ारों झूठे ठहाकों के बीच से बीन लेते,
असली मुस्कुराहटों के दो पल,
और व्यस्त हो नई भाषा खोजते।
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